बड़ा अजीब लगा तुम्हारी बाबत सुनकर कि तुम्हेँ अब भी अंधेरी रातेँ रुलाती हैं वो इक शख्स, वो इक रिश्ता जो तुम्हेँ चुभोता था नश्तर रुलाते थे जिसके अल्फाज. उसको गुजरे आज एक साल हो गया
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