20130611

आज साल हो गया

बड़ा अजीब लगा तुम्हारी बाबत सुनकर
कि तुम्हेँ अब भी अंधेरी रातेँ रुलाती हैं
वो इक शख्स,
वो इक रिश्ता
जो तुम्हेँ चुभोता था नश्तर
रुलाते थे जिसके अल्फाज.
उसको गुजरे आज एक साल हो गया

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