खिलखिलाते मुस्कुराते खुशीयाँ बिखेरते पल कुछ कहते कुछ अनकहे पल रह जाते हैं कोटर में
और
परिंदे
उड़ जाते हैं
कुछ भी ठहरा नहीं रहता
बढता रहता है आगे की ओर निरंतर लगातार
क्योंकि
बहना ही ज़िदग़ी है
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