20150310

रिश्ते फूल हैं

रिश्ते फूल हैं
कुम्हला जाते वक्त के साथ
और सूख जाते
झड के मिल जाते मिट्टी में
मिल जाये कोई जो
बन के गुलकंद मिठास भरते
पर
खुश्बू पहले वाली
और रंगत वापस नही आती

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