20130606

ये तो होना था

ये जो बूँद बूँद बरसा करती है...
हर लम्हे हल्का-हल्का टूटती जाती है...
बची है बस बालिश्त भर ही वो जमीँ...
जिसमेँ कभी सारा जहाँ समाया होता था...
मेरी खुदर्गजी है या मेरे साथ ये होना था....

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