20160506

वो होते है पापा

ये दुनिया पैसों से चलती है
पर सिर्फ बच्चों की ख्वाईशें पूरी करने
पैसे कमाना चाहते है
वो होते हैं पापा

हम जब थक कर आराम फ़रमाते हैं
तब थक कर भी हमारे लिए पैसै कमाने जाते है
वो होते हैं पापा

हम तो सिर्फ अपनी खुशी में मस्त होते हैं
पर हमें खुश देख कर जो अपने ग़म भूल जाते हैं
वो होते हैं पापा

घर में सारे लोग अपना प्यार जताते है
पर कोई बिना दिखाए या जताए प्यार किए जाते हैं
वो होते हैं पापा

जब मम्मी की डाँट मिलती है
तो कोई चुपके से हँसा देते हैं
वो होते हैं पापा

जब बच्चे सो रहे होते हैं,तब कोई
चुपके से सिर पर हाथ फिराते हैं
वो होते हैं पापा

जो सपने बच्चे देखते हैं
उन्हें पूरा करने का रास्ता बताते हैं
वो होते हैं पापा

बेटी शब्द को सार्थक कर पाना मुश्किल है
पर कोई बिना स्वार्थ के अपने पिता शब्द को सार्थक बनाते हैं
वो होते हैं पापा

बिदाई के समय बेटीयाँ तो रोती हैं
पर अधिक आंसू कोई और बहाते हैं
वो होते हैं पापा

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