20150628

Rishtey

रिश्ते बोझ नही होते कभी भी
बस आनी चाहिए उन्हें निभाने की कला
हम बड़े थोपना क्यूँ चाहते हैं
अपनी हर इच्छा
चाहते क्यूँ हैं कि
वो वैसा ही करें
जैसा हम चाहते हैं
आखिर क्यूँ
सहज होकर नही रह सकते क्या
साथ साथ
यकीनन हमारी दुनिया का हिस्सा हैं वो
पर
उनकी भी एक दुनिया है
उनकी भी इच्छा है
सपने हैं

खोलो उन गाँठों को
जो बाँध रखी हैं
परत दर परत
उलझाओ मत
शीतल बयार बहने दो
रिश्तों में स्नेह की

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