रिश्ते बोझ नही होते कभी भी
बस आनी चाहिए उन्हें निभाने की कला
हम बड़े थोपना क्यूँ चाहते हैं
अपनी हर इच्छा
चाहते क्यूँ हैं कि
वो वैसा ही करें
जैसा हम चाहते हैं
आखिर क्यूँ
सहज होकर नही रह सकते क्या
साथ साथ
यकीनन हमारी दुनिया का हिस्सा हैं वो
पर
उनकी भी एक दुनिया है
उनकी भी इच्छा है
सपने हैं
खोलो उन गाँठों को
जो बाँध रखी हैं
परत दर परत
उलझाओ मत
शीतल बयार बहने दो
रिश्तों में स्नेह की
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