20140312

माँ

माँ
तू बहुत याद आती है
तेरी हाथों ने दी थी जो थपकियाँ
आज तक उस छुअन की महक ताज़ी है
माँ,तू बहुत याद आती है

तूने ही सिखाया मुझको चलना
गिरना और गिर के सम्भलना

ऊँगली थाम के लिखना सिखाया
लोरियाँ गा के मुझको सुलाया

जब भी हुआ मेरा मन बोझिल
तूने तान दिया अपने ममता का आँचल

जब कभी बहे मेरी आँखों से आंसू
लगा सीने से तूने ही मेरा हौसला बढाया

आज भी तू न होक भी मेरे साथ है
हूँ अंश तेरा ही
मेरी हर साँस से जुडी तेरी याद है

तेरी ही गोदी मिलेगी मुझे हर जनम में
इसका मेरे मन को विश्वास है

कानों में अब भी लोरी तेरी गूंजती है
माँ अब भी मुझे तू बहुत याद आती है

माँ

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