20140214

कहानी

चाहता था इक कहानी लिखना
इक बेहतरीन कहानी
जिसमे संवेदना हो
सोच रहा था
पर
कुछ भी सूझ नही रहा था
कोई इक घटना
खोया था सोच में
रात के 10 बज गये
पर
कोई सिरा नही मिला

छोटी आयी
भैया,मेरा फैन नही चल रहा

अच्छा,सुबह देख लूँगा

वो चली गयी
डायरी बंद कर बेड पर लेट गया

भैया,फैन देख लो ना प्लीज

कल देखूंगा
छोटी चली गयी
सोचता रहा
नींद आ गयी

मच्छर के काटने से नींद टूटी
लाइट गुल थी
बाहर आया

चलो,छोटी का पंखा देख लूँ
उसके रूम में आते ही लाइट आ गयी

छोटी सोयी थी
उसके गाल पर दो तीन दाने थे
मच्छर काटने से

धीरे से बेड पर कुर्सी रख पंखे को देखा
इक तार टूट गया था
जोड़ दिया
फैन चलने लगा

आंख खुली
छोटी चाय लिए खड़ी है

भैया,आपने फैन कब ठीक कर दिया?

उसके चेहरे पर मच्छर काटने के निशान अब भी हैं

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